पिस्ता में विटामिन, खनिज तत्व, प्रोटीन, फाइबर, और आवश्यक एमिनो एसिड्स होते हैं जो हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके नियमित सेवन से हृदय स्वास्थ्य सुधारता है, मजबूती बढ़ती है, मधुमेह के खतरे को कम करता है और मोटापा कम करने में मदद करता है। पिस्ता पाचन तंत्र को सुधारता है और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। हालांकि, इसके सेवन में मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि अधिक मात्रा में पिस्ता खाने से पेट दर्द, गैस, और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए, पिस्ता का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। सूखे मेवों, जैसे बादाम, काजू आदि में पिस्ता अपने हलके नमकीन स्वाद और गुणों के लिए लोकप्रिय है। पिस्ता का उपयोग विभिन्न मिठाइयों और पकवानों में किया जाता है क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आइये इस लेख में हम जान लेते हैं की पिस्ता क्या है, पिस्ता के उपयोग, पिस्ता के लाभ और पिस्ता सेवन में सावधानिया/नुकसान।
पिस्ता के फायदे उपयोग और नुकसान Pista Benefits, Uses in Hindi
नियमित दिनचर्या एवं संतुलित आहार का सेवन करने से हम हमारे स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं। वही कभी कभी हमारे शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है। जिसके लिए हमें दैनिक आहार के साथ साथ सूखे मेवों का भी सेवन करना चाहिए। सूखे मेवे में काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट आदि का हम भरपूर प्रयोग कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि पिस्ता हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है। इसका उपयोग हम कैसे करें। हम इसके सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानेंगे। दोस्तों सूखे मेवे खाने के स्वाद को बढ़ा देते हैं। पिस्ता फल के बाहरी छिलके को निकाल कर, भीतर के पीले भाग को खाने में प्रयोग किया जाता हैं, इसे ही गिरी कहते हैं। गिरी पर लाल रंग का महीन छिलका होता हैं। यह एक आकर्षक और स्वादिष्ट मेवा हैं, जिसे विभिन्न तरीकों से खाया जा सकता हैं या अन्य व्यंजनों में शामिल किया जा सकता हैं। पिस्ता आपके शरीर के लिए कई फायदेमंद पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं, जो स्वास्थ्य को सुधारने और रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
इनका सेवन करना सभी के लिए लाभदायक होता है। यह सभी मिठाइयों और खीर को और अधिक स्वादिष्ट बनाते हैं। पिस्ता एक ऐसा सूखा मेवा है जिसका फ्लेवर हम उपयोग के अनुसार कर सकते हैं। जैसे हम इसे खीर में डालते हैं या फिर मिठाई में डालते हैं तो इसे हम सिर्फ भूनकर डाल सकते हैं। जब हम इसे खाने के काम में लेते हैं तब हम इसका फ्लेवर नमकीन भी बना सकते हैं। तो आइए आज हम जानेंगे कि पिस्ता का प्रयोग हमारे शरीर के लिए कितना लाभदायक है।
पिस्ता क्या होता है? What is pistachio in Hindi?
पिस्ता एक सूखा मेवा है। जो अत्यंत ही स्वादिष्ट होता है। मिठाई, हलवे और खीर का स्वाद बढ़ाने में इसे प्रयोग में लिया जाता है। पिस्ता डालने से मिठाई, हलवे और खीर का स्वाद बढ़ने के साथ साथ यह देखने में भी रुचिकर लगता है। पिस्ता का सेवन कई शारीरिक बीमारियों में भी लाभदायक है। पिस्ता का सेवन करने से वजन नियंत्रित होता है। इसके अलावा रक्तचाप और डायबिटीज के रोगी के लिए भी इसका सेवन लाभदायक होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा पिस्ता की पैदावार ईरान में होती है। ईरान के अलावा अफगानिस्तान, सीरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पिस्ता की पैदावार की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम पिस्टेसिया वेरा (Pistacia vera) है। पिस्ता (Pista) को अंग्रेजी में “Pistachio” कहा जाता है। यह Pistacia vera वृक्ष का बीज होता है। पिस्ता पेड़ (Pistachio tree) ईरान, तुर्की, अमेरिका, अफ़ग़ानिस्तान, ग्रीस, और भारत जैसे देशों में पाया जाता है। पिस्ता एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर मेवा है जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, विटामिन बी6, थायमिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट और फोस्फोरस शामिल होते हैं। प्रोटीन शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और मांसपेशियों का निर्माण करता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं- You May Like
- 👉🏻Bega sa Padhaaro jee sabha mein Mhaare aao Ganaraaj Bhajan Lyric in Hindi
- 👉🏻Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao Bhajan Lyric in Hindi
- 👉🏻Sab Dev Chale Mahadev chale Pujya Prembhushanji Maharaj Bhajan Lyric in Hindi
- 👉🏻Mohan Meri Preet Me Jogan Khatu Shyam Bhajan Lyric in Hindi
क्या पिस्ता का सेवन करना हमारे लिए लाभदायक है?
दैनिक रूप से पिस्ता का सेवन करना हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है। पिस्ता में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिससे यह शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करता है। पिस्ता में सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओलिक व लिनोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
यह सभी पोषक तत्व शरीर के लिए बहुत ही सेहतमंद है। पिस्ता का सेवन करना हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। पिस्ता में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो विभिन्न रूपों में लाभदायक होते हैं। पिस्ता के सेवन से शारीरिक ऊर्जा स्तर बना रहता है, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और आंतों के विकार दूर होते हैं। पिस्ता में मौजूद विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के कोशिकाओं को हानिकारक रेडिकल्स से बचाकर उनकी सुरक्षा करते हैं। इसके अतिरिक्त पिस्ता के सेवन हृदय का स्वास्थ्य दुरुस्त होता है, मस्तिष्क स्वास्थ्य बेहतर होता है, डायबिटीज में, वजन नियंत्रण, और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में पिस्ता बहुत गुणकारी होता है। आप भी निश्चित मात्रा में इस फल का सेवन करें।
Benefits of consuming pistachios in Hindi – पिस्ता के सेवन के फायदे/लाभ
संतुलित आहार के साथ साथ सूखे मेवों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। आज हम पिस्ता के सेवन के फायदे के बारे में जानेंगे। पिस्ता के सेवन से हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व की प्राप्ति होती है। शरीर को आवश्यक पोषक तत्व की प्राप्ति होने से अन्य शारीरिक समस्याएं भी नहीं होती है। पिस्ता एक स्वादिष्ट और पौष्टिक मेवा है जो हमें विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह छोटा, हल्का और हलके हरे रंग का होता है, आकार में छोटा होने के उपरान्त भी यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इस लेख में हम पिस्ता के सेवन के फायदे और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे जो हमारी सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
Pistachios to keep eyes healthy in Hindi – आंखों को स्वस्थ रखने के लिए
पिस्ता का सेवन आंखों को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। पिस्ता में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे कैरोटीनॉयड शामिल है। यह आंखों के रेटिना के लिए लाभदायक होते हैं। ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की कमी के कारण बढ़ती उम्र में होने वाले ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (एएमडी) की समस्या हो सकती है। जिसमें दिखाई देना कम हो सकता है या धुंधला दिखाई देता है। ऐसे में पिस्ता के सेवन करने से ल्यूटिन और जेक्सैंथिन की पूर्ति हो जाती है। जो एएमडी की समस्या को कम कर सकते हैं। इस प्रकार आप ने जाना कि पिस्ता का सेवन करना आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
आंखें हमारे शरीर का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं और उन्हें स्वस्थ रखना अत्यंत आवश्यक है। आज की दौड़भरी जीवनशैली में, जहां हम अधिकतर समय डिजिटल स्क्रीनों के सामने बिताते हैं, आंखों की देखभाल और संरक्षण अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। पिस्ता विटामिन ई का अच्छा स्रोत होता है, जो आंखों के लिए गुणकारी होता है। यह आंखों की शक्ति को बढ़ाता है। पिस्ता में पाए जाने वाले कैरोटीनॉयड, जैसे ल्यूटिन और जेक्सैंथिन, आंखों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। ये विटामिन्स रेटिना को संरक्षित रखने में मदद करते हैं और उसे किसी भी प्रकार के क्षति से बचाते हैं। वे आंखों की रौशनी को बढ़ाने और नज़र की शक्ति को सुधारने में भी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, ये कैरोटीनॉयड आंखों के विषाणुओं को मुक्त रेडिकल दूषित करने से बचाते हैं और आंखों की सुरक्षा में मदद करते हैं। इसलिए, पिस्ता का सेवन करके आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं और उनकी सुरक्षा कर सकते हैं।
पिस्ता में वास्तविक रूप से ल्यूटिन और जॉक्सन्थिन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव से बचाने में मदद कर सकते हैं। इन एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन करने से आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायता मिल सकती है। यह विशेष रूप से आंखों की स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। इसलिए, पिस्ता को आपकी आहार में शामिल करना आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
Pistachios keep the heart healthy (Hearth Benefits of Pista)- हृदय को स्वस्थ रखता है पिस्ता
पिस्ता का सेवन करना हृदय को स्वस्थ बनाता है। जैसा कि आप जानते है कि पिस्ता में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर एक अध्ययन के अनुसार, पिस्ता के सेवन से प्लामा टोटल कोलेस्ट्रॉल में सुधार होता है। पिस्ता के सेवन से लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल) कम होता है। पिस्ता का सेवन हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (लाभकारी कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने का काम करता है। लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन के कम होने पर कोरोनरी हार्ट डिजीज और इस्केमिक हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है। एक अन्य शोध के अनुसार पिस्ता में फैटी एसिड जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। पिस्ता का सेवन हृदय के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, जिसे NCBI (National Center for Biotechnology Information) ने प्रकाशित किया है, पिस्ता में मौजूद विटामिन ई, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। पिस्ता में मौजूद विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट होता है जो हृदय के रोगों के खिलाफ रक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, विटामिन ई मदद करता है रक्त संचरण को सुधारने में और हृदय की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में। मैग्नीशियम भी हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह मदद करता है ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में और हृदय के रोगों की संभावना को कम करने में।
इसके अलावा, पिस्ता में मौजूद फाइबर हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय संबंधित बीमारियों की संभावना को कम कर सकता है। पिस्ता में मौजूद लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) को नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है। LDL कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना हृदय संबंधित बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है, जैसे कि हृदय रोग और दिल की ब्लॉकेज। पिस्तों में मौजूद विटामिन ई और फाइबर इसके संभावित प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इस तरह, पिस्ता हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है और उच्च लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। पिस्ता में मौजूद फैटी एसिड हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इन फाइटोकेमिकल्स में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स शामिल होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स में विशेष रूप से आल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA), ईकोसापेंटाएनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (DHA) शामिल होते हैं। ये फैटी एसिड्स हृदय के रक्तवाहिनी प्रणाली को सुधारकारी रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप कम हो सकता है और रक्त के तरलता को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स आपके हृदय के लिए लिपिड प्रोफाइल (लिपिडों की मात्रा और प्रकार) को भी सुधारने में मदद कर सकते हैं।
Pistachios are beneficial in diabetes – मधुमेह में लाभदायक है पिस्ता
मधुमेह के रोगियों द्वारा पिस्ता का नियमित सेवन करने से भी इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित होती है। इसका सेवन टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। एक शोध के अनुसार पिस्ता में anti-diabetic प्रोसेस भी होती है। जिससे मधुमेह की समस्या नियंत्रित होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को पिस्ता का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। जिससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो। पिस्ता में मोनोअनसैटेड फैट्स (अच्छे फैट्स), प्रोटीन, फाइबर, एंटिऑक्सिडेंट्स, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। यह मधुमेह के लिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि इसका खाने में शामिल होने से उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स भोजनों की वजह से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। पिस्ता में होने वाली अच्छे फैट्स, फाइबर और प्रोटीन भोजन को आराम से पचाने में मदद करते हैं और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स के बाद ब्लड शुगर के अस्तित्व को संतुलित रख सकते हैं। पिस्ता में मौजूद फाइबर और प्रोटीन के कारण इसका सेवन आहार को धीरे-धीरे पचाने में मदद करता है और रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में सहायता प्रदान करता है। यह शर्करा के अस्तित्व को संतुलित रखने में मदद कर सकता है और अच्छे ग्लाइसेमिक कंट्रोल प्रदान कर सकता है।
पिस्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। पिस्ता में लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसके कारण यह शरीर के रक्त शर्करा स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, पिस्ता में उच्च फाइबर की मात्रा होती है जो भोजन के द्वारा शरीर में शुगर के अवशेषों को अवशोषित करने में मदद करती है। इसके साथ ही, पिस्ता में मोनोअनसैटेड फैट्स और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो भोजन के रूप में सेवन किए जाने पर शरीर को धीरे-धीरे शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। तो, डायबिटीज के मरीजों को मात्रमेवा के रूप में पिस्ता का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
Pistachios are also beneficial in reducing weight – वजन कम करने में भी पिस्ता है लाभदायक
अनियमित और अनियंत्रित दिनचर्या के चलते आज मोटापे की समस्या आम समस्या हो गई है। सभी व्यक्ति अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं। लेकिन अपनी जीवनशैली के कारण वह ऐसा नहीं कर पाते हैं। कुछ सूखे मेवे हैं जिनके सेवन से वजन कम होता है। पिस्ता भी वजन नियंत्रित करने वाले ड्राई फ्रूट में से है। पिस्ता का सेवन करने से भी वजन कम होता है।
पिस्ता के सेवन करने से बीएमआई में कमी आती है। जिससे स्टार्च ब्लॉकेज होता है। इसके सेवन से भूख में कमी और वसा का अवशोषण भी होता है। पिस्ता का सेवन करके वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है। जब हम पिस्ता का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर को कम कैलोरी की आवश्यकता होती है। जिससे वजन नियंत्रित होता है। पिस्ता कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ हैं, जिसका मतलब है कि इसमें अधिक मात्रा में कैलोरी नहीं होती है। यह आपको वजन कम करने की प्रक्रिया में मदद कर सकता है। इसके साथ ही पिस्ता में अच्छी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, और स्वस्थ वसा पाया जाता है। पिस्ता वजन कम करने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। यह एक प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत है जो आपको सत्तावर्धक और पूर्णता का एहसास दिलाता है। पिस्ता को मात्रामें सेवन करने से आपको भोजन में अनुमति देने के साथ-साथ वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, पिस्ता में ऊंची फाइबर मात्रा भी होती है जो आपको भूख को कम करने में सहायता प्रदान कर सकती है और आपको लंबे समय तक भोजन के बाद भी पेट भरा महसूस करवा सकती है। इसलिए, पिस्ता को आपकी वजन कम करने की यात्रा में शामिल करने से आपको फायदा हो सकता है।
प्रोटीन के कारण भोजन के बाद लंबे समय तक भोजन की भूख को कम करने में मदद करता है। पिस्ता में स्वस्थ वसा भी पाई जाती है, जिसमें मोनोअनसेटुरेटेड और पॉलीअनसेटुरेटेड फैट्स शामिल होते हैं, जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं। ये फैट्स आपको भोजन के बाद लंबे समय तक भोजन की भूख को कम करके वजन कम करने में मदद कर सकते हैं।
Relief from inflammation in the body (Pistachios reduce inflammation) – शरीर में सूजन से राहत (सूजन को कम करता है पिस्ता)
पिस्ता में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज शरीर में सूजन से राहत प्रदान करते हैं। पिस्ता के नियमित सेवन से शरीर में सूजन की समस्या कम होती है। इसके अतिरिक्त पिस्ता में घाव को जल्दी भरने का भी गुण होता है। पिस्ता का नियमित सेवन हमें स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। पिस्ता में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सूजन शरीर में होने वाले अवरोधक प्रतिक्रियाओं के कारण होती है, जो अक्सर विभिन्न रोगों और संक्रमणों के परिणामस्वरूप होते हैं। पिस्तों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी (phytosterols) सूजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। पिस्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो आपके शरीर को रेडिकल मुक्त करने में मदद कर सकते हैं।
Consuming pistachios is also beneficial in cancer – कैंसर में भी लाभदायक है पिस्ता का सेवन
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पिस्ता में केमो प्रिवेंटिव (chemopreventive) गुण पाए जाते हैं। अपने इसी गुण के कारण पिस्ता का सेवन केंसर में लाभदायक हो सकता है। इससे कैंसर सेल की वृद्धि में कमी होती है। पिस्ता में पी-टोकोफेरोल (विटामिन-ई का एक रूप) और एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं। पिस्ता का सेवन करना कैंसर के मरीज के लिए फायदेमंद होता है। कैंसर के रोगी को डॉक्टर द्वारा पर्याप्त उपचार अवश्य लेना चाहिए। पिस्ता में विटामिन E, फाइटोकेमिकल्स, और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो एंटीकैंसर गुणों के साथ जुड़े होते हैं। विटामिन E एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो रेडिकल मुक्त रेडिकल्स के खिलाफ लड़ता है और कैंसर सेलों के विकास को रोकने में मदद कर सकता है। पिस्ता स्वास्थ्यप्रद जैविक तत्वों से भरपूर होता है, जैसे कि बी विटामिन, गामा-टोकोफेरॉल, पॉलीफेनोल और आहारी फाइबर, जो कॉलन कैंसर के रिस्क को केमोप्रेवेंशन (रोग प्रतिरोध) के माध्यम से कम करने में मदद कर सकते हैं
Pista Helps in proper functioning of brain and nervous system – मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक
सूखे मेवे का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है। मस्तिष्क अपने कार्य सुचारू रूप से करता है। पिस्ता में फेनोलिक कंपाउंड होता है। जिसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज होती है। जिससे एड्रेनाजिक (तांत्रिक कोशिकाओं से संबंधित) और नॉरएड्रेनाजिक (मस्तिष्क संबंधी हार्मोन) रिसेप्टर फंक्शन में उम्र से संबंधित परिवर्तन को प्रभावित कर सकते हैं। पिस्ता में फ्लेवोनॉएड होता है जो याददाश्त और न्यूरोकॉग्निटिव को बेहतर करता है। इस प्रकार आपने जाना कि पिस्ता का सेवन करना मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। पिस्ता में फेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव (मस्तिष्क संरक्षक) गुण होते हैं। ये गुण उम्र से संबंधित परिवर्तनों को प्रभावित कर सकते हैं और एड्रेनाजिक (तांत्रिक कोशिकाओं से संबंधित) और नॉरएड्रेनाजिक (मस्तिष्क संबंधी हार्मोन) रिसेप्टर फंक्शन को संतुलित कर सकते हैं। पिस्ता के सेवन से इन गुणों का लाभ मिलता है।
Pistachios are also beneficial for increasing immunity – रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी पिस्ता है लाभदायक
पिस्ता का सेवन करने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है। इसमें पाया जाने वाला मैग्निशियम तत्व हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त इसमें टोकॉफरोल भी होता है। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, जुखाम, वायरल जैसी समस्याओं से बचाव होता है। पिस्ता मैग्नीशियम एक अच्छा स्त्रोत है। मैग्नीशियम शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व है जो आयरनअवशोषक के लिए आवश्यक होता है। यह हड्डियों, दांतों, हृदय, न्यूरोमस्कुलर फंक्शन और प्रतिरक्षा प्रणाली के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिस्ता में मौजूद टोकोफेरॉल (विटामिन ई) एंटीऑक्सिडेंट गुणों को बेहतर कर सकता है। टोकोफेरॉल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में मदद करता है जो इन्फेक्शन और बीमारियों के खिलाफ संरक्षा प्रदान करती है। यह मजबूत इम्यून सिस्टम की स्थापना करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। पिस्ता का नियमित सेवन आपकी इम्यूनिटी को स्थायी रूप से सुधार सकता है और आपको संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकता है।
मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। यह आपके शरीर को इन्फेक्शनों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता में सुधार करता है। मैग्नीशियम की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बना सकती है। इसके साथ ही, पिस्ता में मौजूद टोकोफेरॉल (विटामिन ई) भी होता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीडेशन से बचाकर उनकी सुरक्षा करता है और इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
Pistachios make bones strong – हड्डियों को मजबूत बनाता है पिस्ता
पिस्ता का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। पिस्ता में ट्रेस मिनरल्स स्ट्रोन्शियम होता है। जो कैल्शियम की तरह कार्य करता है। यह खनिज लवण हड्डियों और दातों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इससे हड्डियां मजबूत बनती है। और यह हड्डियों की डेंसिटी को भी बढ़ाता है। स्ट्रोन्शियम ओस्टियोब्लास्ट (हड्डियों की कोशिकाओं का निर्माण) और ओस्टियोक्लास्ट (हड्डियों का निर्माण) की भूमिका भी निभाता है। हमें हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए पिस्ता का सेवन करना चाहिए। पिस्ता में कुछ मात्रा में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हड्डी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। पिस्ता हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार हो सकता है। पिस्ता में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये सभी तत्व हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। इन पोषक तत्वों की युक्तियुक्त संयोजना हड्डियों को निर्माण करने और मजबूत बनाने में मदद करती है। पिस्ता को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं। इन पोषक तत्वों के सेवन से अक्सर हड्डी का घनत्व बढ़ता है और कैल्शियम संगठन में सहायता मिलती है। हालांकि, पिस्ता मात्रा के साथ हड्डी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित आहार के साथ अन्य पोषक तत्वों को भी सेवन करना आवश्यक है। यदि आपके पास हड्डी सम्बंधी समस्याएं हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक प्रोफेशनल सलाहकार या चिकित्सक से सलाह लें।
Pista is also beneficial in sexual health – यौन स्वास्थ्य में भी है लाभदायक पिस्ता
यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी पिस्ता का सेवन लाभदायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट और आर्गिनिन (Arginine) (एक तरह का एमिनो एसिड) पाया जाता है। जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में सुधारता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण शारीरिक संबंध बनाने में समस्या आती है। पिस्ता के सेवन से यह समस्या कम होती है। पिस्ता यौन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। पिस्ता में विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट होता है और स्वस्थ यौन स्वास्थ्य को समर्थन कर सकता है। इसके अलावा, पिस्ता में आर्जिनाइन भी पाया जाता है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के उत्पादन में मदद करता है। NO शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और यौन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।
पिस्ता में प्रोटीन, विटामिन B6, और जिंक जैसे पोषक तत्व भी होते हैं जो यौन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन पोषक तत्वों का सेवन यौन शक्ति और ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
अंकारा, तुर्की में स्थित अटातुर्क शिक्षण और अनुसंधान अस्पताल में आयोजित किए गए एक अध्ययन में, यौन इच्छा, आनंद और संतुष्टि को मापा गया। रिपोर्ट में कहा गया है: “अध्ययन संबंधित अंतरराष्ट्रीय इरेक्टाइल फंक्शन स्कोर पर महत्वपूर्ण सुधार देखा।”
कुछ लोककथाओं में पिस्ता को एक संभोग उत्तेजक माना जाता है। मेरे ज्ञान के अनुसार, यह पहला अध्ययन है जो इस विश्वास का समर्थन करता है। हम जानते हैं कि पिस्ता रक्त कॉलेस्ट्रॉल स्तर को सुधार सकता है और सफल वजन प्रबंधन कार्यक्रम का हिस्सा हो सकता है।” अध्ययन जिसका शीर्षक है, “पिस्ता आहार से इरेक्टाइल फंक्शन पैरामीटर में सुधार हो सकता है”, इसका सुझाव देता है कि पिस्ता रक्त कॉलेस्ट्रॉल को सुधार सकता है और शरीर में बेहतर रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकता है। इससे यौन नपुंसकता के लक्षण धीरे-धीरे समाप्त होने में मदद मिल सकती है। अध्ययन के दौरान आहार में कोई परिवर्तन, शारीरिक गतिविधि या जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं किया गया। सकारात्मक प्रभावों की जांच और पुष्टि उन्हें लिंग में आ रहे रक्त की मात्रा की जांच करके की गई। सीरम लिपिड स्तर में भी वृद्धि देखी गई। पिस्ता यौन कार्य के साथ जुड़ा होने का कारण यह है कि वे गैर-आवश्यक अमीनो एसिड आर्जिनाइन में संपूर्णता रखते हैं। आर्जिनाइन शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाता है, जो रक्त वाहिकाओं को ढीला करने वाला एक यौगिक है और माध्यम से धमनियाँ सुनिश्चित रखता है।
It is also beneficial in maintaining the level of hemoglobin – हिमोग्लोबिन का स्तर बनाए रखने में भी है लाभदायक
आधुनिक जीवन शैली के चलते हम हमारे स्वास्थ्य पर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है। अगर हम नियमित रूप से पिस्ता का सेवन करते हैं तो इससे हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सही रहता है। पिस्ता के सेवन से हमारे शरीर में आयरन का अवशोषण होता है और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। हालांकि पिस्ता खुद में अधिकतम आयरन मात्रा नहीं होती है, लेकिन यह महत्वपूर्ण मात्रा में तांबा (कॉपर) समेत होता है। पिस्ता में मौजूद तांबा शरीर की क्षमता को बढ़ाता है कि वह खाद्य पदार्थों से आयरन को अवशोषित करने में सक्षम हो सके।
पिस्ता फायदेमंद है एस्ट्रोजन के संतुलन के लिए to balance estrogen Pista Uses
एस्ट्रोजेन एक स्टेरॉयड हार्मोन है। जो महिलाओं के प्रजनन तंत्र का हिस्सा होता है। एस्ट्रोजेन का संतुलित रहना प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी, हाइपोगोनाडिज्म, मेनोपॉज के लक्षण, ऑस्टियोपोरोसिस और प्रोस्टेट कैंसर की समस्या से बचने के लिए जरूरी होता है। एस्ट्रोजेन संतुलन बनाए रखने के लिए पिस्ता का सेवन करना लाभदायक होता है। इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को संतुलित बनाए रखते हैं। इससे महिलाओं के हार्मोनल स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है और स्तन के स्वास्थ्य को भी बनाए रखती है। पिस्ता खाना एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकता है जो स्त्रीय स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है।
Benefits of pistachios for balancing cholesterol and blood pressure – कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के संतुलन के लिए पिस्ता के फायदे
पिस्ता का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रित रहते हैं। पिस्ता का सेवन करने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इसीलिए गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने एवं रक्तचाप के संतुलन के लिए हमें पिस्ता का सेवन करना चाहिए।
त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है पिस्ता का सेवन Consuming pistachios is also beneficial for skin health
पिस्ता का सेवन करने से त्वचा में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा होती है। जिससे त्वचा का ऑक्सीडेटिव इंजरी और अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रतिकूल प्रभाव से बचाव होता है। इसीलिए त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पिस्ता का सेवन करना चाहिए। पिस्ता में मोनोअनसैचराइड और पॉलीअनसैचराइड शामिल होते हैं, जो आपके शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह आपके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है। पिस्ता में प्राकृतिक तरीके से विटामिन ई की मौजूदगी होती है, जो शरीर में हाई-डेन्सिटी लिपोप्रोटीन (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। पिस्ता में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम भी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। पोटैशियम रक्तवाहिनी को नर्म बनाए रखता है और मैग्नीशियम दिल की मांसपेशियों को संकुचित करके रक्तचाप को कम करता है।
Pistachios for black and thick hair – काले एवं घने बालों के लिए पिस्ता का सेवन
पिस्ता में अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है। जिससे पिस्ता बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। पिस्ता का सेवन करने से बालों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है। जिससे बाल काले एवं घने होते हैं। बालों को काला और घना बनाने के लिए आप पिस्ता का सेवन कर सकते हैं। पिस्ता में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। ये सभी पोषक तत्व बालों के स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
Pistachios are beneficial during pregnancy and lactation – गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान पिस्ता का प्रयोग होता है फायदेमंद
गर्भवती स्त्री को बहुत से पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिससे गर्भस्थ शिशु का विकास हो। पिस्ता में ओमेगा फैटी एसिड होता है। जो गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए अत्यंत ही लाभदायक होता है। स्तनपान के दौरान भी नवजात शिशु को पोषक तत्वों की प्राप्ति मां के दूध से ही होती है। स्तनपान के दौरान माता को पिस्ता का सेवन अवश्य करना चाहिए जिससे शिशु का स्वास्थ्य बना रहे। पिस्ता में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे के लिए आवश्यक होते हैं। पिस्ता में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो आंत्र को संतुलित रखने में मदद कर सकती है। यह कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को भी कम कर सकता है। पिस्ता फोलेट का अच्छा स्त्रोत हो सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। फोलेट की पर्याप्त मात्रा गर्भ में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स की आशंका को कम कर सकती है।
Nutrients found in Pistachios – पिस्ता में पाये जाने वाले पोषक तत्व
उपरोक्त अध्ययन से आपने जाना कि पिस्ता का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। आइए अब हम जान लेते हैं कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व हैं जो भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पिस्ता में पाए जाने वाले पोषक तत्व (USDA) निम्न है:
- ऊर्जा (Energy): 576 कैलोरी / 576 kcal
- प्रोटीन (Protein): 20.22 ग्राम / 20.22 g
- कुल वसा (Total lipid/fat): 46.98 ग्राम / 46.98 g
- कार्बोहाइड्रेट, भिन्नता से (Carbohydrate, by difference): 27.16 ग्राम / 27.16 g
- आहारी रेशा, कुल फाइबर (Fiber, total dietary): 9.9 ग्राम / 9.9 g
- शर्करा, कुल (NLEA सहित) (Sugars, total including NLEA): 7.43 ग्राम / 7.43 g
- कैल्शियम, Ca (Calcium): 103 मिलीग्राम / 103 mg
- लोहा, Fe (Iron): 3.88 मिलीग्राम / 3.88 mg
- मैग्नीशियम, Mg (Magnesium): 105 मिलीग्राम / 105 mg
- फॉस्फोरस, P (Phosphorus): 450 मिलीग्राम / 450 mg
- पोटैशियम, K (Potassium): 967 मिलीग्राम / 967 mg
- सोडियम, Na (Sodium): 389 मिलीग्राम / 389 mg
- जस्ता, Zn (Zinc): 2.25 मिलीग्राम / 2.25 mg
- तांबा, Cu (Copper): 1.242 मिलीग्राम / 1.242 mg
- सेलेनियम, Se (Selenium): 9.6 माइक्रोग्राम / 9.6 µg
- विटामिन सी, कुल एस्कोर्बिक एसिड (Vitamin C, total ascorbic acid): 2.9 मिलीग्राम / 2.9 mg
- थायमिन (Thiamin): 0.667 मिलीग्राम / 0.667 mg
- रिबोफ्लाविन (Riboflavin): 0.225 मिलीग्राम / 0.225 mg
- निएसिन (Niacin): 1.319 मिलीग्राम / 1.319 mg
- विटामिन बी-6 (Vitamin B-6
- फोलेट, कुल (Folate, total): 49 माइक्रोग्राम / 49 µg
- फोलिक एसिड (Folic acid): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- फोलेट, खाद्य (Folate, food): 49 माइक्रोग्राम / 49 µg
- फोलेट, डीएफई (Folate, DFE): 49 माइक्रोग्राम / 49 µg
- कोलीन, कुल (Choline, total): 68.6 मिलीग्राम / 68.6 mg
- विटामिन बी-12 (Vitamin B-12): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- विटामिन बी-12, जोड़ा गया (Vitamin B-12, added): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- विटामिन ए, आरएई (Vitamin A, RAE): 12 माइक्रोग्राम / 12 µg
- रेटिनॉल (Retinol): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- कैरोटीन, बीटा (Carotene, beta): 153 माइक्रोग्राम / 153 µg
- कैरोटीन, अल्फा (Carotene, alpha): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- क्रिप्टोज़ैंथिन, बीटा (Cryptoxanthin, beta): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- लायकोपीन (Lycopene): 0 माइक्रोग्राम / 0 µg
- लुटीन + जीज़ानथिन (Lutein + zeaxanthin): 1114 माइक्रोग्राम / 1114 µg
- विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) (Vitamin E (alpha-tocopherol)): 2.43 मिलीग्राम / 2.43 mg
- विटामिन ई, जोड़ा गया (Vitamin E, added): 0 मिलीग्राम / 0 mg
- विटामिन डी (डी2 + डी3) (Vitamin D (D2 + D3)): 0 माइक्रो
- एसएफए 4:0 (SFA 4:0): 0 ग्राम / 0 g
- एसएफए 6:0 (SFA 6:0): 0 ग्राम / 0 g
- एसएफए 8:0 (SFA 8:0): 0 ग्राम / 0 g
- एसएफए 10:0 (SFA 10:0): 0 ग्राम / 0 g
- एसएफए 12:0 (SFA 12:0): 0 ग्राम / 0 g
- एसएफए 14:0 (SFA 14:0): 0.012 ग्राम / 0.012 g
- एसएफए 16:0 (SFA 16:0): 5.086 ग्राम / 5.086 g
- एसएफए 18:0 (SFA 18:0): 0.631 ग्राम / 0.631 g
- कुल मोनोनसैचुरेटेड चरबी (Fatty acids, total monounsaturated): 24.806 ग्राम / 24.806 g
- एमयूएफए 16:1 (MUFA 16:1): 0.456 ग्राम / 0.456 g
- एमयूएफए 18:1 (MUFA 18:1): 24.199 ग्राम / 24.199 g
- एमयूएफए 20:1 (MUFA 20:1): 0.114 ग्राम / 0.114 g
- एमयूएफए 22:1 (MUFA 22:1): 0.005 ग्राम / 0.005 g
- कुल पॉलीअनसैचुरेटेड चरबी (Fatty acids, total polyunsaturated): 14.041 ग्राम / 14.041 g
- पीयूएफए 18:2 (PUFA 18:2): 13.678 ग्राम / 13.678 g
- पीयूएफए 18:3 (PUFA 18:3): 0.354 ग्राम / 0.354 g
- पीयूएफए 18:4 (PUFA 18:4): 0 ग्राम / 0 g
- पीयूएफए 20:4 (PUFA 20:4): 0.005 ग्राम / 0.005 g
How to consume pistachios – कैसे करें पिस्ता का सेवन
- पिस्ता को भूनकर, हल्का सा नमक डालकर सेवन किया जाता है।
- पिस्ता को कुकीज और केक बनाने में भी प्रयोग में लिया जाता है।
- पिस्ता हलवा, मिठाइयां, खीर जैसे मीठे पकवानों में भी डाला जाता है इससे इनका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
- पिस्ता को दूध में डालकर पी सकते हैं।
- पिस्ता को रात में भिगोकर सुबह खाने से यह जल्दी डाइजेस्ट होता है, तो आप इसे भिगोकर भी खा सकतें हैं।
- पिस्ता को अन्य सूखे मेवों के साथ मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
- आप पिस्ता का सेवन अपनी सहूलियत के अनुसार कर सकते हैं।
- प्राकृतिक और अच्छी गुणवत्ता वाले पिस्ता चुनें: शुरूआत में सुनिश्चित करें कि आप उच्च गुणवत्ता वाले पिस्ता चुन रहे हैं। विशेष रूप से ताजगी और स्वाद के लिए पीले छिलके वाले पिस्ता चुनें।
- सर्विंग की मात्रा निर्धारित करें: पिस्ता का सेवन एक मात्रा में करें। एक सेविंग के रूप में आमतौर पर 1 चम्मच या 30 ग्राम पिस्ता लेने की सिफारिश की जाती है।
- खाने के साथ पिस्ता खाएँ: पिस्ता को खाने के साथ भी सेवन कर सकते हैं। आप उन्हें सब्जियों, दाल, सलाद, फ्रूट या दूध जैसे आहार में मिला सकते हैं।
- ताजे फलों और सब्जियों के साथ मिलाएं: पिस्ता को ताजे फलों और सब्जियों के साथ मिला सकते हैं। इससे आपके आहार में पोषक तत्व बढ़ेंगे।
- स्नैक के रूप में खाएं: पिस्ता को स्नैक के रूप में भी खाया जा सकता है। यह उचित मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, और पोषक तत्व प्रदान करता है।
- संतुलित आहार में शामिल करें: पिस्ता को संतुलित आहार का हिस्सा बनाएं। इसे बाकी आहार के साथ मिलाएं और विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति करें।
How much to eat pistachios – कितनी मात्रा में करें पिस्ता का सेवन
40 से 50 ग्राम पिस्ता का सेवन करना सेहतमंद होता है। अगर आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही पिस्ता का सेवन करें।
पिस्ता के सेवन की मात्रा व्यक्तिगत आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यहां कुछ आमतौर पर सुझाए जाने वाले मात्राएं हैं: दैनिक आहार में (प्राय: 30 ग्राम या 1 चम्मच) पिस्ता शामिल करना उचित माना जाता है। यह आपको पोषक तत्वों के लाभ प्रदान करेगा।
यदि आप पिस्ता को स्नैक के रूप में खाना पसंद करते हैं, तो आप दिन में 1-2 स्नैक के रूप में पिस्ता खा सकते हैं। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान, अपने चिकित्सक की सलाह पर जाकर उचित मात्रा में पिस्ता का सेवन करें। यदि आपके खाने के साथ पिस्ता का सेवन करने की आदत है, तो सावधानी बरतें और मात्रा को अधिकता से बचाएं। बहुत अधिक मात्रा में पिस्ता का सेवन करने से उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति के बजाय अतिरिक्त कैलोरी आपको प्राप्त हो सकती है। इसलिए, आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य के अनुसार संतुलित मात्रा में पिस्ता का सेवन करें।
Disadvantages of consuming pistachios – पिस्ता के सेवन से होने वाले नुकसान
पिस्ता का सेवन उचित मात्रा में करने से हमें फायदे ही होते हैं। लेकिन इसकी अधिक मात्रा का सेवन हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है। पिस्ता का सेवन आमतौर पर स्वस्थ और सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ लोगों को पिस्ता से संबंधित एलर्जी हो सकती है और उन्हें पिस्ता से नुकसान हो सकता है। यदि आप किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी रिएक्शन का अनुभव करते हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। पिस्ता में ऊष्णता और ऊर्जा की मात्रा होती है, इसलिए अधिक मात्रा में पिस्ता का सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है। यदि आप वजन नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं, तो मात्रा को ध्यान में रखें और अतिरिक्त कैलोरी की आपूर्ति से बचें। अगर किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही पिस्ता का सेवन करें। पिस्ता का सेवन निर्धारित मात्रा में ही करें। पिस्ता की अधिक मात्रा के सेवन से लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को पिस्ता से एलर्जी है वे पिस्ता का सेवन ना करें।
आयुर्वेद में पिस्ता के लाभ / फायदे
पिस्ता एक विशेष मेवा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण ड्राई फ्रूट्स है जिसे कफ-पित्त-वात नाशक माना जाता है। इसके साथ ही, पिस्ता एक ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करता है और शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए, यह वास्तव में एक स्वास्थ्यवर्धक और पोषक मेवा है जिसे नियमित रूप से सेवन करने से हमारे शरीर को अनेक लाभ मिलते हैं। पिस्ता का वानस्पतिक नाम Pistacia vera Linn. (पिस्टेशिया वेरा) है और यह Anacardiaceae (ऐनाकार्डिऐसी) परिवार का वृक्ष है। इस परिवार में अन्य पेड़ और पौधों जैसे मंगो, कैश्यू, भिलावा, और चिल्मिली भी शामिल हैं। पिस्ता पेड़ सर्दियों में हरे पत्तों के साथ लाल फलों की अद्वितीय दिखावट के लिए प्रसिद्ध है। इसके फल में खोजे जाने वाले बीज (गिरी) खाद्य के रूप में उपयोग होते हैं।
पिस्ता के विभिन्न भारतीय भाषाओं में नाम
- Sanskrit: मुकूलक, अभिषुक, चारुफल
- Hindi: पिस्ता, गुली पिस्ता
- Marathi: पिस्ता (Piste)
- Gujarati: पिस्ता (Pista)
- Malayalam: पिस्ता (Piste)
- Nepali: पिस्ता (Pista)
- Urdu: गुले पिस्ता (Gule pista), पिस्ता (Pista)
- English: ग्रीन ऑमन्ड (Green almond), पिस्टेशिओ नट (Pistachio nut), Pistachio (पिस्टेशिओ)
- Arabic: फिस्ताक (Fistaque), फूस्टुक (Fustuq)
- Persian: पिस्ता (Pistah)
विभिन्न देशों में पिस्ता के नाम
- English: Pistachio
- Spanish: Pistacho
- French: Pistache
- German: Pistazie
- Italian: Pistacchio
- Portuguese: Pistache
- Russian: Фисташка (Fistashka)
- Chinese: 开心果 (Kāixīnguǒ)
- Japanese: ピスタチオ (Pisutachio)
- Arabic: فستق (Fustuq)
पिस्ता कहाँ पैदा होता है ?
पिस्ता एक विशेष प्रकार का सूखा मेवा है जो उच्च गुणवत्ता और स्वाद में उच्च होता है। इसका आकार छोटा होता है, जिसमें दो प्रमुख रंग होते हैं – गुलाबी और पीला-सफेद। पिस्ता की गिरी को हल्के पीले से गहरे पीले रंग का छिलका ढंकता है, इसका छिलका अत्यंत ही सख्त होता है जिसे तोड़ कर अंदर से गिरी निकाली जाती है। गिरी को छिलके के बाहर निकालकर, आंतरिक भाग को खाने में उपयोग किया जाता है। इसे “गिरी” कहा जाता है। गिरी के ऊपरी छिलके का रंग हल्का हरा होता है, जो लाल होता है। आयुर्वेद में, पिस्ता को कफ-पित्त-वर्धक, वात दोष को शांत करने और शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। पिस्ता के पेड़ जनवरी से जून के महीनों में पुष्प धारण करते हैं और इसके फल उनके बाद प्राप्त होते हैं। पिस्ता, मुख्य रूप से ईरान, अमेरिका, तुर्की, और ग्रीस जैसे देशों में पाया जाता है। यह पूरे विश्व में उच्च मात्रा में उत्पादित किया जाता है और विभिन्न खाद्य पदार्थों में उपयोग होता है। ईरान पिस्ता की प्रमुख उत्पादक देश है और इसे “ईरानी पिस्ता” के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, भारत में भी कुछ क्षेत्रों में पिस्ता की खेती की जाती है।
सुबह खाली पेट पिस्ता खाने के फायदे
वास्तव में, पिस्ता खाली पेट सेवन करने से आपको कई तरह के फायदे हो सकते हैं। पिस्ता एक पूर्ण आहार है जो शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। यह फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, एमिनो एसिड, मैग्नीशियम, पोटैशियम, थायमिन, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है। यहाँ पिस्ता के खाली पेट सेवन करने के कुछ मुख्य फायदे हैं:
- तंदुरुस्त पाचन प्रणाली: पिस्ता में मौजूद फाइबर पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह आपके पाचन तंत्र को सक्रिय रखकर भोजन को पचाने में मदद करता है।
- शक्तिशाली दिमाग: पिस्ता में मौजूद विटामिन, एमिनो एसिड, और मिनरल्स दिमाग के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह मेमोरी को बढ़ाने, मंदता दूर करने, और मानसिक तनाव को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है।
- हृदय के लिए फायदेमंद: पिस्ता में मौजूद पोटैशियम, मैग्नीशियम और अन्य मिनरल्स हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह मधुमेह के जोखिम को कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, और हृदय संबंधी समस्याओं को प्रबंधित करने में सहायता प्रदान कर सकता है।
- संक्रमण से लड़ने की क्षमता: पिस्ता में मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट्स संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इससे आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और विभिन्न संक्रमणों से बचने में मदद मिलती है।
पिस्ता का नियमित रूप से सेवन करने से पौष्टिकता मिलती है और सेहत को बनाए रखने में मदद मिलती है। यहाँ ध्यान देने योग्य है कि अधिक मात्रा में पिस्ता का सेवन करने से पेट की समस्याएं या अलर्जी की समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
पिस्ता खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है?
पिस्ता का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और यह आपको कई प्रकार के संक्रमण और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। पिस्ता में मौजूद विटामिन C, एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्व आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर संक्रमण के खतरे को कम करते हैं। विटामिन C आपके शरीर को संक्रमणों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, जबकि एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर के रक्त में फ्री रेडिकल्स के विपरीत प्रभाव करके संक्रमण के प्रति सुरक्षा प्रदान करते हैं। विशेष रूप से, पिस्ता डायबिटीज जैसी बीमारियों से प्रभावित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। पिस्ता में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन के संयोजन से उच्च रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह आपके रक्त में शर्करा के स्तर को स्थिर रखकर डायबिटीज के नियंत्रण में मदद कर सकता है।
पिस्ता एक दिन में कितना खाना चाहिए?
प्रतिदिन 15 से 20 ग्राम पिस्ता खाने से आपको उपयुक्त लाभ मिल सकता है। पिस्ता में मात्रा रूप में छोटी हैं, लेकिन वे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यहां आपको 100 ग्राम पिस्ता के मूल्यांकन के बारे में अधिक जानकारी है:
- कार्बोहाइड्रेट: 28 ग्राम
- फाइबर: 10.3 ग्राम
- फैट: 44.4 ग्राम
- प्रोटीन: 20.6 ग्राम
यदि आपका लक्ष्य वजन कम करना है, तो आपको कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देना होगा। पिस्ता में अधिक फैट और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, इसलिए यदि आपकी डाइट में पहले से ही उच्च मात्रा में ये तत्व मौजूद हैं, तो आपको इसे नियंत्रित रखना चाहिए।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. लिरिक्सपण्डितस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.