श्री राधा रानी जी भजन – Shri Radha Rani Ji Bhajan

राधा रानी श्री कृष्ण की आत्मा हैं, उनकी योगमाया शक्ति हैं, जो उन्हें एक साथ विरोधाभासी कार्य करने में सक्षम बनाती हैं। श्री कृष्ण सभी ऊर्जाओं के स्रोत हैं और राधा रानी उनकी सर्वोच्च दिव्य ऊर्जा हैं।

श्री राधा रानी जी मंत्र – Shri Radha Rani Ji Mantra

राधा रानी जी का नाम ही एक महा मंत्र है.संतो ने राधा रानी जी बारे में कहा है कि – “जाको न मंत्र महा जो स्वतंत्र”

राधा रानी जी को भजने के लिए किसी मंत्र की जरुरत नहीं है राधा रानी के सोलह नाम पुराणों में प्रसिद्द है उन नामो का मात्र जयकारा करने से ही व्यक्ति का कल्याण होता है.हम उन्हें समझकर उनका अर्थ जानने का प्रयास करे.

श्री राधा रानी जी आरती – Shri Radha Rani Ji Aarti

मान्यता है कि भगवान कृष्ण के बिना राधा रानी की पूजा अधूरी मानी जाती है। कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा। कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।

श्री राधा रानी जी चालीसा – Shri Radha Rani Ji Chalisa

राधा चालीसा देवी राधा जी की महिमा और स्तुति में रचा गया एक सुंदर और भक्तिमय स्तोत्र है। यह चालीसा भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेमिका राधा रानी का गुणगान करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तजन इसे श्रद्धा से पढ़ते हैं।

राधा रानी मंदिर लगभग 5000 साल पहले राजा वज्रनाभ द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर के निर्माण के लिए लाल और सफेद पत्थरों का इस्तेमाल किया गया, जो राधा और श्री कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। राधा रानी मंदिर एक पहाड़ी पर है, जिसकी ऊंचाई लगभग 250 मीटर है।

श्री राधा रानी जी मंदिर- Shri Radha Rani Ji Mandir

Please Like and Share to your Friends
Translate »