Kabir Amritwani Lyrics in Hindi

Kabir Amritwani
Kabir Shayari in HindiSong Details
★★★★★★★★★★★★★★★★★★
प्रभु वर्धमान जिनवर सिद्धार्थ कूल चंदन
                     त्रिलोक पूजनीय है मां त्रिशला के नंदन
    आलोकित है नवधरा दिव्य प्रकाश से
                       परमपिता कबीर को करें शत शत वंदन।

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Kabir Amritwani
Singer: Debashis Das Gupta
Music Director: Shailendra Bhartti
Lyrics: Traditional
Album: Kabir Amritwani
Music Label: T-Series
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कबीर अमृतवाणी हिंदी लिरिक्स – संत कबीर के दोहे

गुरु गोबिंद दू खड़े
काके लगून पाए…
गुरु गोबिंद दू खड़े
काके लगून पाए…
बलिहारी गुरु आपने
गोबिंद दियो बताय…
कबीरा गोबिंद दियो बताय…


ऐसी बनी बोलिये..
मन का आप खोये
ऐसी बनी बोलिये..
मन का आप खोये
औरं को सीतल करे..
आपाहू सीतल होए
कबीरा आपाहू सीतल होए..


बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे पेड़ खजूर…
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे पेड़ खजूर….
पंथी को छाया नहीं,
फल लागे अति द्वार…
कबीरा, फल लागे अति द्वार..


बुरा जो देख मैं चला
बुरा ना मिला कोई…
बुरा जो देख मैं चला
बुरा ना मिला कोई….
जो मन खोजा आपका
मुझसे बुरा ना कोई..
कबीरा मुझसे बुरा ना कोई…


माटी कहे कुम्हार से..
तू क्या रौंडे मोये…
माटी कहे कुम्हार से..
तू क्या रौंडे मोये…
एक दिन ऐसा आएगा…
मैं रौंदूंगी टॉय
कबीरा मैं रौंदूंगी तोय…


काल करे सो आज कर..
आज करे सो अब..
काल करे तो आज कर…
आज करे सो अब..
पल में परलाई होगी..
बहुरी करेगा कब..
कबीरा बाहरी करेगा कब..


माया मारी न मन मारा..
मार मार गए साड़ीर…
माया मारी न मन मारा..
मार मार गए साड़ीर…
आशा तृष्णा ना मारी..
कह गए दास कबीर..
रे बंधु के गया दास कबीर…


पोथी पढा जग हुआ…
पंडित भय ना कोई….
पोथी पढा जग हुआ…
पंडित भय ना कोई…
ढाई आखर प्रेम का..
पढ़े सो पंडित होय
कबीरा पढे तो पंडित होय….


निंदक निहरे रखिए….
आंगन कुट्टी चौवे…
निंदक निहरे रखिए…
आंगन कुट्टी चौवे…
बिन पानी सबुन बीना..
निर्मल करे सुहाय कबीरा
निर्मल करे सुहाय…


दुख मैं सुमिरन सब करे..
सुख मैं करे ना कोई….
दुख मैं सुमिरन सब करे…
सुख मैं करे ना कोई….
जो सुख मैं सुमिरन करे..
तो दुख कहे होये
कबीरा तो दुख कहे हो…


मेरा मुज मैं कुछ नहीं…
जो कुछ है वो तेरा…
मेरा मुज मैं कुछ नहीं…
जो कुछ है तो तेरा…
तेरा तुझे सोनपते…
क्या लागे है मेरा कबीरा
क्या लाएगी है मेरा…


जाति ना पूछो सादु की…
पूच लिजियो ज्ञान..
जाति ना पूछो सादु की…
पूच लिजिये ज्ञान…
मोल करो तलवार का…
पड़ी रहो मियां रे भाई
पड़ी रेहान दो मियां…

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