श्री कृष्ण जी की प्रसिद्ध आरती के लिरिक्स, बोल तथा वीडियो हिन्दी और अंग्रेज़ी में सुन सकते हैं। सिंगर हरिहरन द्वारा गाई आरती लिरिक्स भक्तों में सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
Shri Krishna Dohe In Hindi | Song Details |
★★★★★★★★★★★★★★★★★★ कोऊ कोटिक संग्रहौ, कोऊ लाख हजार। मो संपति जदुपति सदा, बिपति-बिदारनहार॥ कोई चाहे करोड़ों की संपत्ति एकत्र कर ले, चाहे कोई लाख हजार अर्थात् दस करोड़ की संपदा प्राप्त कर ले। मुझे उससे और उसकी संपदा से कुछ भी लेना-देना नहीं है। कारण यह है कि मेरी असली संपत्ति तो यदुवंशी कृष्ण हैं, जो सदा ही विपत्तियों को विदीर्ण करने वाले हैं। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ | ★★★★★★★★★★★★★★★★★★ Shri Krishna Janmashtami Special Krishna Aarti: Aarti Kunj Bihari Ki Album: AARTI VOL.5 Singer: HARIHARAN Lyricist: Traditional Music Label: T-Series ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ |
Aarti Kunj Bihari Ki Download in MP3 & MP4
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आरती कुंजबिहारी की_श्री कृष्ण जी आरती हिंदी लिरिक्स
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
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